विद्या भारती द्वारा पूर्व विदर्भ के शिक्षा संस्थान संचालकों का वर्ग स्थानिक सरस्वती शिशु मंदिर प्राथमिक शाला, रामनगर में संपन्न हुआ। वर्ग में 15 शिक्षा संस्थानों से लगभग 30 संचालक एवं प्रतिनिधि उपस्थित रहे। वर्ग में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का यशस्वी क्रियान्वयन कैसे हो सकता है इसके बारे में प्रांत के अध्यक्ष रामचंद्र देशमुख ने मार्गदर्शन किया। शिक्षा संस्था संचालक एवं आचार्यों के लिए उपयोगी उद्बोधन वाशिम के जिला अध्यक्ष दिलीप जोशी का हुआ। जिज्ञासा समाधान के पश्चात समापन सत्र में रामचंद्र देशमुख ने कहा कि पंचकोशीय विकास के द्वारा ही बालक बालिका के शारीरिक , मानसिक बल को दृढ़ता प्राप्त होती है। उन्होंने शिक्षार्थियों के चारित्रिक बल के सुधार पर विशेष जोर देने की बात कही। संस्कृति के प्रवाह को घर घर ले जाने का कार्य विद्या भारती करती है ।
इस समय व्यासपीठ पर प्रांत उपाध्यक्ष सचिन जोशी, जिला उपाध्यक्ष दीप्ति ताई तावाडे, जिला मंत्री सुरेश चन्ने की उपस्थिती रही। वर्ग का प्रारंभ सरस्वती वंदना से होकर अंत में शान्ति मंत्र से समाप्ती हुई। कार्यक्रम में पूर्व अध्यक्ष रमेश धारकर की विशेष उपस्थिती रही।कार्यक्रम का संचालन आचार्य रोशन जैन ने किया। वर्ग को सफल बनाने में तेजकुमार चौधरी आचार्य, माधव आचार्य, कुंदा दीदी, सुषमा यदुवंशी दीदी एवं विद्यालय परिवार सहयोग किया गया ।