Call Us - 7744941233 | Write To - vidyabharti.nagpur@gmail.com

प्रकल्प

श्रद्धेय नाना लाभे स्मृति सुलेखन प्रकल्प, नागपुर

परमेश्वर प्राप्ति के मार्ग अनेक है । सुंदरता का मार्ग उसमें से एक है । सुंदरता हर किसी को आकर्षित करती है । अपना व्यक्तित्व सुंदर रहे इसीलिए हर एक व्यक्ति भरकस प्रयास करता है । व्यक्तित्व केवल दिखने में सुंदर होने से उन्नत नहीं होता । उन्नत व्यक्ति के अन्य भी अनेक आयाम है । उसमें से एक है व्यक्ति के हाथ का अक्षर लेखन । सुंदर अक्षर को मोती की उपमा दी जाती है । आपके हाथ से किया अक्षर लेखन मोती के समान दिखना यह बात सामान्य नहीं है ।

श्रध्देय श्री. नानासाहेब लाभे जी का अक्षर लेखन मोती के समान दिखने वाला सुंदर था । वह सहजता से सुंदर अक्षर लेखन करते थे । परंतु प्रदीर्घ प्रयासों के बाद ही वह संभव हो सका ।

श्री. लाभे जी द्वारा प्रारंभ किया गया अक्षर लेखन सुधार का यह महान जीवनकार्य उसी निष्ठा से आगे भी निरंतर चलता रहे ऐसी विद्या भारती की भावना है, जो अत्यंत स्वाभाविक है । इसीलिए उन्होंने विद्या भारती को दान दिया उनका निजी मकान, जो कि पुराना था, उसमें आवश्यक परिवर्तन कर उसी स्थान पर नवीन वास्तु खड़ी की गई है । “अक्षर” भवन में उनका जीवन प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनी है एवं विभिन्न विषयों का वह प्रशिक्षण केंद्र है । प्रमुखता से सुलेखन, योग, संस्कृत, संगीत, वैदिक गणित एवं नैतिक – आध्यात्मिक शिक्षा के प्रशिक्षण वर्ग वहां चलाए जाते हैं ।

“अक्षर” भवन का लोकार्पण दि. 19 जून 2022 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अ.भा. कार्यकारिणी सदस्य मा. सुरेश उपाध्याय भैया जी जोशी के करकमलों द्वारा एवं केंद्रीय मंत्री मा. नितिनजी गडकरी, विद्या भारती के अखिल भारतीय अध्यक्ष मा. डी. रामकृष्ण राव, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पश्चिम क्षेत्र संघचालक मा. डॉ.जयंतीभाई भाड़ेसिया की उपस्थिति में संपन्न हुआ ।